पूर्ति का नियम क्या है?
What is the Law of supply?
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Law of supply. |
अर्थ (Meaning)
अन्य शब्द मे, वस्तु की क़ीमत बढ़ती है तो पूर्ति (Supply) बढ़ती है और जब क़ीमत कम होती है तो पूर्ति (Supply) कम होती है |
कोई भी उत्पादक वस्तुओं की पूर्ति तभी अधिक करता है जब उसको अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता हो |
मान्यताएं (Assumption)
- उत्पादन तकनीक मे कोई परिवर्तन नहीं |
- बाजार मे फ़र्म संख्या मे कोई परिवर्तन नहीं |
- फ़र्म के लक्ष्यों मे कोई परिवर्तन नहीं |
- अन्य साधनो की क़ीमत मे कोई परिवर्तन नहीं |
- उत्पादन साधनो की क़ीमत मे कोई परिवर्तन नहीं |
- भविष्य मे क़ीमत परिवर्तन की कोई आशा नहीं |
- संबन्धित वस्तुओं की क़ीमत मे कोई परिवर्तन नहीं |
तालिका (Table)
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Table |
तालिका हमे दर्शाता है की जब कीमत 10 रूपये है तो वस्तुओं की पूर्ति 100 ईकाई (Unit) है और जब क़ीमत बढ़ कर 50 रुपये होती है तो वस्तुओं की पूर्ति 500 इकाई हो जाता है | इस से हमे पता चलता है की क़ीमत बढ़ने पर वस्तुओं की पूर्ति भी बढ़ती है |
लेखाचित्र (Graph)
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Graph |
यह लेखाचित्र हमे दर्शता है, X axis मे वस्तुओं की मात्र (100,200,300,400,500) और Y axis मे वस्तुओं की क़ीमत (10,20,30,40,50) | SS से अभिप्राय Supply Curve से है | Supply curve बाएँ से दायें (Left to right) की और बढ़ रहा है और सकारात्मक ढलान (Positive slope) दर्शा रहा है |
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