What is Market | Types of Market | बाजार के प्रकार | by Thanks Commerce

 बाजार के प्रकार | TYPES/FORMS OF MARKET 

अर्थः (Meaning)

बाजार एक ऐसा स्थान है, जहां पर क्रेता (खरीददार) तथा विक्रेता आपस में वस्तुओं तथा सेवाओं का क्रय तथा विक्रय करते है | बाजार के लिए किसी ख़ास स्थान का होना जरुरी नहीं है और यह भी जरुरी नहीं है की क्रेता तथा विक्रेता आमने-सामने उपस्तिथ हो | बाजार भौतिक (Physical) तथा कृत्रिम (Online/Virtual ) आदि हो सकते है |

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बाजार के प्रकार (Types of market)

1. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार (Perfect competition market)
2. एकाधिकार बाजार (Monopoly market)
3. अपूर्ण प्रतियोगिता बाजार (Imperfect competition market)
  • एकाधिकार प्रतियोगिता बाजार (Monopolistic competition market)
  • द्वयाधिकार प्रतियोगिता बाजार (Duopoly competition market)
  • अल्पाधिकार प्रतियोगिता बाजार (Oligopoly competition market)
  • अल्पक्रेता-अधिकार बाजार (Oligopsony competition market)
  • क्रेता एकाधिकार बाजार (Monopsony Competition market)
  • द्विपक्षीय एकाधिकार बाजार (Bilateral monopoly market)
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1. पूर्ण प्रतियोगिता बाजार (Perfect competition market)

अर्थ (Meaning)

पूर्ण प्रतियोगिता, बाजार की ऐसी स्तिथि है, जिस में क्रेता तथा विक्रेता अधिक संख्या (Large number of buyer and seller) में होते है और सभी विक्रेता एक जैसे वस्तुओं (Homogeneous product) का आदान-प्रदान करते है | इस प्रतियोगिता बाजार में सभी उपभोक्ता को वस्तुओं के बारे में पूर्ण ज्ञान (Perfect knowledge) होता है | उदहारण के लिए सब्जी मंडी आदि | 


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Perfect competition market 

विशेषताएं (Feature of perfect competition market)

1 क्रेता तथा विक्रेता की अधिक संख्या (Large number of buyer and seller): पूर्ण प्रतियोगिता में क्रेता तथा विक्रेता अधिक संख्या में होते है | पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म क़ीमत को धारण वाला होता है न की क़ीमत निर्धारण (निर्माण) करने वाला | 

2. एक समान वस्तुएं (Homogeneous product): पूर्ण प्रतियोगिता में सभी वस्तुएं एक समान होती है | इन वस्तुओं की कीमत भी एक समान होते है | 

3. पूर्ण ज्ञान (Perfect knowledge): पूर्ण प्रतियोगिता में क्रेता तथा विक्रेता को वस्तुओ और कीमतो के वारे में पूर्ण ज्ञान होता है | 

4. नए फर्म का स्वतंत्र रूप से प्रवेश तथा निकास (free to entry and exit of new firm): इस प्रतियोगिता में कोई भी फर्म स्वतंत्र रूप से प्रवेश और छोड़ सकता है | पूर्ण प्रतियोगिता में किसी प्रकार का कोई रोक नहीं लगाया जाता है | 

5. एक समान क़ीमत (same price): पूर्ण प्रतियोगिता में सभी वस्तुओं की क़ीमत एक समान होती है, क्योंकि इस प्रतियोगिता में फर्म क़ीमत धारण करने वाला होता है न की क़ीमत निर्धारण (निर्माण) करने वाला | इस स्तिथि में सभी फर्म को एक समान क़ीमत पर वस्तुओं को बेचना पड़ता है |

6. फर्म क़ीमत धारण करने वाला होता है (Firm is a Price Taker): पूर्ण प्रतियोगिता में फर्म कीमत धारण करने वाला होता है न की निर्धारण (निर्माण) करने वाल, क्योंकि सभी वस्तु एक समान होती है इस लिए कोई भी फर्म अपनी मर्जी से क़ीमत को तय नहीं कर सकता |

7. स्वतंत्र निर्णय (Independent decision): इस प्रतियोगिता में कोई भी स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकता है, किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया जाता है |

8. विक्रय लागत की कमी (Lack/reduce of sale cost): पूर्ण प्रतियोगिता में विक्रय लागत कम होता है क्योंकि सभी वस्तुएं एक समान होती है और सभी उपभोक्ता को इसके वारे में पूर्ण ज्ञान होता है | इसलिए इस में विज्ञापन की लागत कम या न के बराबर होता है |

9. पूर्ण गतिशीलता (Perfect mobility): पूर्ण प्रतियोगिता बाजार में वस्तुओं,सेवाओं और साधनो पर पूर्ण गतिशीलता पाई जाती है, क्योंकि इस में वस्तुओं तथा सेवाओं को जहां ज्यादा क़ीमत मिले वहां बेचा जा सकता है | 

10. कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं (No Government Interference): पूर्ण प्रतियोगिता में सरकार का किसी भी प्रकार से हस्तक्षेप नहीं होता | 

2. एकाधिकार बाजार (Monopoly market)

परिचय (Introduction)

एकाधिकार (Monopoly) शब्द Greek भाषा से लिया गया है | जिसमे  'Mono' का अर्थ है एक (One) और 'poly' का अर्थ है विक्रेता या फर्म (Seller/Firm) है |

अर्थ (Meaning)

एकाधिकार प्रतियोगिता, बाजार की ऐसी है जिस में केवल एक ही विक्रेता या फर्म (Only one seller) होता है और अधिक क्रेता (खरीददार) (Large number of buyer) होते है | एक ही फर्म सभी गतिविधियों पर नियंत्रण रखता है | इस प्रतियोगिता में कोई प्रतिस्थापन वस्तुएं नहीं (No close substitute) होती | जैसे, Indian railway आदि |


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Monopoly market 

विशेस्ताएं (Feature/characteristics of monopoly market)  

1. एक विक्रेता तथा अनेक क्रेता (Single seller and large number of buyers): एकाधिकार में एक वस्तु का केवल एक ही विक्रेता या उत्पादक होता है, और वही बाजार के सारे कार्य को नियंत्रण करता है | 

2. कोई करीबी विकल्प नहीं (No close substitute): एकाधिकार बाजार में कोई करीबी विकल्प नहीं होता  क्योंकि कोई और फर्म इस प्रकार के वस्तुएं न ही बना सकता है और नहीं बेच सकता है | 

3. नई फर्म की प्रवेश में प्रतिवंध (रोक) (Restriction on the entry of the new firm): एकाधिकार बाजार में नई फर्म को आने पर कानूनी रोक होता है | जैसे, Indian में railway में Indian railway के इलावा कोई और फर्म नहीं आ सकता | 

4. क़ीमत निर्धारण (निर्माता) करने वाला (Seller/firm is a price maker): एकाधिकार बाजार में फर्म वस्तुओं तथा सेवाओं की क़ीमत को अपनी मर्जी से निर्धारण (निर्माण) करती है | एकधिकारी  क़ीमत निर्धारण (निर्माण) करने वाला होता है न की क़ीमत धारण करने वाला | 

5. क़ीमत भेदभाव (Price discrimination): एकाधिकार बाजार में विक्रेता भिन्न-भिन्न उपभोक्ता से भिन्न-भिन्न क़ीमत वसूली करता है | इस लिए एकाधिकार बाजार में क़ीमत भेदभाव अधिक होती है |

6.अपूर्ण ज्ञान (Incomplete knowledge): एकाधिकार बाजार में उपभोक्ता को वस्तुओं के वारे में अपूर्ण ज्ञान होता है, क्योंकि इस में एक वस्तु का केबल एक ही विक्रेता या उत्पादक होता है |  

3. अपूर्ण प्रतियोगिता बाजार (Imperfect competition market)

  • एकाधिकार प्रतियोगिता बाजार (Monopolistic competition market)
  • द्वयाधिकार प्रतियोगिता बाजार (Duopoly competition market)
  • अल्पाधिकार प्रतियोगिता बाजार (Oligopoly competition market)
  • अल्पक्रेताधिकार बाजार (Oligopsony competition market)
  • एकक्रेताधिकार बाजार (Monopsony Competition market)
  • द्विपक्षीय एकाधिकार बाजार (Bilateral monopoly competition market)

1. एकाधिकार प्रतियोगिता (Monopolistic competition) 

अर्थ (Meaning)

एकाधिकार प्रतियोगिता, बाजार की ऐसी स्तिथि है जिस में एक ही प्रकार के वस्तुओं और सेवाओं के क्रेता तथा विक्रेता अधिक संख्या (Large number of buyer and seller) में होते है पर सभी वस्तुएं एक-दूसरे से भिन्न (Product differentiation) होते है | जैसे, Restaurants, Cinema house, Tooth paste products, आदि |


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Monopoly competition market.  

विशेषताएँ (Feature/Characteristics of Imperfect competition)

1. क्रेता तथा विक्रेता की अधिक संख्या (Large number of buyer and seller): एकाधिकार प्रतियोगिता में क्रेता (खरीददार) तथा विक्रेताओं की संख्या अधिक होता है | इस प्रतियोगिता में फर्म का बाजार पर सीमित नियंत्रण होता है |  

2. वस्तु या उत्पाद भिन्नता (Product differentiation): एकाधिकार प्रतियोगिता में हर वस्तु एक दूसरे से भिन्न होता है | यह नाम, क़ीमत, मात्रा, गुण, आदि किसी न किसी तरह से एक-दूसरे से भिन्न होता है | 

3. अपूर्ण ज्ञान (Incomplete knowledge): इस प्रतियोगिता में उपभोक्ता को वस्तुओं के बारे में पूर्ण ज्ञान नहीं होता, क्योंकि सभी वस्तु एक दूसरे से किसी न किसी तरह से भिन्न होते है | 

4. फर्म का  स्वतंत्र रूप से प्रवेश एवं निकास (Freedom of entry and exit of firm): एकाधिकार प्रतियोगिता में कोई भी फर्म बाजार में स्वतंत्र रूप से प्रवेश तथा छोड़ सकता है | 

5. क़ीमत निर्धारण करने वाला (Price policy/price maker): इस प्रतियोगिता में फर्म क़ीमत निर्धारण (निर्माण) करने वाला होता है न की क़ीमत धारण करने वाल | परन्तु फर्म अपने प्रतियोगी को ध्यान में रख कर क़ीमत को निर्धारण करता है | 

6. विक्रय लगत (Selling cost): इस प्रतियोगिता में सभी वस्तुएं एक-दूसरे से भिन्न होते है और उपभोक्ता तक जानकारी पहुंचने के लिए विज्ञापन की अधिक आवश्सकता होती है | इसीलिए इस में विक्रय लागत अधिक होता है |

7. अधिक लोचदार मांग (More elastic demand): अगर कोई फर्म या विक्रेता वस्तुओं की कीमत को कम कर देता तो वस्तुओं की मांग अधिक हो जाता है | इसी लिए एकाधिकार प्रतियोगिता में मांग अधिक लोचदार होता है |

2. द्वयधिकार प्रतियोगिता (Duopoly competition)

अर्थ (Meaning)

द्वयधिकार प्रतियोगिता, बाजार की की ऐसी स्तिथि है जिस में एक वस्तु के केबल दो ही विक्रेता या उत्पादक (Only two seller) होते है | यह फर्म चाहे तो आपस में क़ीमत का समझौता कर के अधिक लाभ कमा सकते है | इन फर्मो का पुरे बाजार पर नियंत्रण होता है |


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Duopoly competition market. 

विशेस्ताएं (Feature/Characteristics of Duopoly competition)

1. केवल दो विक्रेता या उत्पादक (Only two seller/producer): द्वयधिकार प्रतियोगिता में केवल दो विक्रेता ही होते है और क्रेता (खरीददार) अधिक होते है | इन का  बाजार पर पूरा नियंत्रण होता है | 

2. क़ीमत निर्धारण करते समय एक-दूसरे पर निर्भर (Interdependence): द्वयाधिकार प्रतियोगिता में फर्म को अपने प्रतियोगी को ध्यान में रख कर क़ीमत निर्धारण करना पड़ता है क्योंकि इस में दोनों फर्म एक दूसरे जैसे ही वस्तु बेचते है | इसलिए अगर कोई फर्म अपने वस्तुओ की क़ीमत बढ़ाता है तो उपभोक्ता दूसरे फर्म के वस्तु के प्रति अधिक रुची दिखाते है | जैसे, Coca-Cola और Pepsi आदि | 

3. प्रतिस्थापन वस्तुएं (Substitute product available): इस प्रकार के प्रतियोगिता में प्रतिस्थपन वस्तुएं उपलब्ध होते है, अगर कोई फर्म वस्तुओं की कीमत बढ़ाता है तो उपभोक्ता दूसरे फर्म की वस्तुओं का उपयोग अधिक करेंगे | जैसे, Coca-Cola क़ीमत बढ़एगा तो उपभोक्ता द्वारा Pepsi की मांग अधिक होगा | 

4. आपसी समझौता (Mutual agreement): अगर फर्म आपस में कीमत की समझौता करले  तो अधिक लाभ उठा सकते है | 

3. अल्पाधिकारी प्रतियोगिता (Oligopoly competition)

परिचय (Introduction)

अल्पाधिकार (Oligopoly) शब्द Greek भाषा से लिया गया है | जिसमे 'Oligo' का अर्थ कुछ (Some) है और 'Poly' का अर्थ विक्रेता या उत्पादक (Seller or Producer) से है | 

अर्थ (Meaning)

अल्पाधिकार प्रतियोगिता, बाजार की ऐसी स्थिति है जिस में एक ही प्रकार के वस्तुओं के कुछ ही उत्पादक (Some Seller) होते है और क्रेता (खरीददार) अधिक संख्या में (Large number of buyer) होते है| जैसे, कार उत्पाद (Car industries), दूरसंचार (Telecommunication) आदि|


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Oligopoly competition market.  

विशेषताएं (Feature/Characteristics of Oligopoly competition)

1. विक्रेताओं की कम संख्या (Few seller): अल्पाधिकार प्रतियोगिता में विक्रेताओं की संख्या कम होती है, लेकिन क्रेताओं की संख्या अधिक होती है | 

2. विक्रय लागत (Selling cost): अल्पाधिकार प्रतियोगिता में विक्रय लागत अधिक होता है, क्योंकि फर्म को अपने वस्तुओं को उपभोक्ता तक पहुंचने और उन को जानकारी देने के लिए विज्ञापन पर अधिक खर्च करना पड़ता है | बिना विज्ञापन के फर्म अपने वस्तुओं को अधिक बेच नहीं सकता, क्योंकि अगर लोगो को जानकारी नहीं मिलेगी तो उन को पता नहीं चलेगा की बाजार में नया वस्तु आया है | 

3. आपसी निर्भरता (Interdependence): अल्पाधिकार प्रतियोगिता में सभी फर्म एक दूसरे पर निर्भर होते है, क्योंकि अगर कोई भी फर्म अपने वस्तुओं पर परिवर्तन करता है तो बाकि फर्म को भी प्रतियोगिता में बने रहने के लिए अपने वस्तुओ पर भी बदलाव करना पड़ता है | जैसे, जब Jio आया था तो उस ने सब से सस्ता इंटरनेट दिया था तो बाकि प्रतियोगी ने भी प्रतियोगिता पर बने रहने के लिए उस के मुताबिक अपने आप पर भी बदलाव किया था |  

4. अधिक प्रतियोगिता (More competition): अल्पाधिकार में प्रतियोगिता अधिक ज्यादा होता है | अगर कोई फर्म अपने वस्तुओं पर बदलाव करता है तो उसके प्रतियोगी कुछ ही समय में उसके जैसा ही वस्तु उससे सस्ता और बढ़िया निकल देते है | 

5. नए फर्म के प्रवेश में बाधा (Barrier to entry of new firm): अल्पाधिकार प्रतियोगिता में कोई भी नया फर्म आसानी से सामिल नहीं हो सकता क्योंकि पहले से ही इस में इतना ज्यादा प्रतियोगिता होता है की नया फर्म को अधिक हानि उठाना पढ़ सकता है | सरकार भी पुराने और बड़े फर्म को ही अधिक प्रार्थमिकता (Priority) देता है | 

4. अल्पक्रेताधिकार बाजार (Oligopsony market)

परिचय (Introduction)

अल्पक्रेताधिकार (Oligopsony) शब्द Greek भाषा से लिया गया है | जिसमे 'Oligop' का अर्थ कुछ (some) है और 'sony' का अर्थ क्रेता (Customer) से है |

अर्थ (Meaning)

अल्पक्रेताधिकर, बाजार की ऐसी स्थिति है जिस में कुछ ही क्रेता (Some Customer) होते है और अधिक विक्रेता (Large number of seller) होते है |


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Oligopsony competition market.  

विशेषताएं (Features/characteristics of Oligopsony competition market) 

1. क्रेताओं की कम संख्या (Few customer/consumer): अल्पक्रेताधिकार प्रतियोगिता बाजार में क्रेताओं की कम संख्या होता है, क्योंकि इस प्रतियोगिता बाजार में कुछ गिने-चुने क्रेता (खरीददार) ही सामिल होते है |  

2. विक्रेताओं की अधिक संख्या (Large number of seller): अल्पक्रेताधिकार प्रतियोगिता बाजार में विक्रेताओं की संख्या अधिक होता है |  

3. प्रतिस्थापन वस्तुएं उपलब्ध (Substitute goods available): इस प्रतियोगिता बाजार में वस्तुएं आमतौर पर सजातीय (Homogeneous) होते है इसलिए प्रतिस्थापन वस्तुएं उपलब्ध होते है| 

4. सौदेबाज़ी की शक्ति (Bargaining power): इस प्रतियोगिता बाजार में क्रेताओं के पास सौदेबाजी की शक्ति होता है | अगर क्रेता चाहे तो वस्तुओं की मूल्य को कम करवा सकता है |  

5. एकक्रेताधिकार (Monopsony)

परिचय (Introduction)

एकक्रेताधिकार (Monopsony) शब्द Greek भषा से लिया गया है | जिसमे 'Monop' का अर्थ एक (one) से है और 'sony' का अर्थ क्रेता (Customer) से है |

अर्थ (Meaning)

एकक्रेताधिकार, बाजार की ऐसी स्थिति है जिस में केवल एक ही क्रेता (Only One Customer) होता है और अधिक विक्रेता (Large number of seller) होते है |


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Monopsony competition market. 

विशेषताएं (Features/characteristics of Monopsony competition market)

1. केवल एक क्रेता (Only one buyer): एकक्रेताधिकार प्रतियोगिता बाजार में केबल एक ही क्रेता होता है | इस प्रतियोगिता बाजार में क्रेता बाजार का राजा कहलाता है क्योंकी सभी वस्तुएं उसी के अनुसार बनाया जाता है |  
2. विक्रेताओं की अधिक संख्या (Large number of seller): इस प्रतियोगिता बाजार में विक्रेताओं की संख्या अधिक होता है | 

3. प्रतिस्थापन वस्तुएं उपलब्ध (Substitute goods available): इस प्रतियोगिता बाजार में वस्तुएं आमतौर पर सजातीय (Homogeneous) होते है इसलिए प्रतिस्थापन वस्तुएं उपलब्ध होते है| 

4. सौदेबाज़ी की शक्ति (Bargaining power): इस प्रतियोगिता बाजार में क्रेता के पास सौदेबाजी की शक्ति होता है | अगर क्रेता चाहे तो वस्तुओं की मूल्य को कम करवा सकता है |  

6. द्विपक्षीय अधिकार बाजार (Bilateral monopoly market)

परिचय (Introduction)

द्विपक्षीय अधिकार बाजार, एकाधिकार बाजार (Monopoly) और एकक्रेताधिकार बाजार (Monopsony) से मिल कर बना है |इस में दोनों के गुण पाए जाते है |

अर्थ (Meaning)

द्विपक्षीय अधिकार,बाजार की स्थिति है जिस में केवल एक क्रेता (Only one customer) होता है और एक विक्रेता (Only one seller) होता है | इस प्रतियोगिता बाजार में क्रेता के पास सौदेबाज़ी की शक्ति (Bargaining power) नहीं होता |
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Bilateral Monopoly Market 

विशेषताएं (Features/characteristics of bilateral  competition market)

1. केवल एक क्रेता और विक्रेता (Only one buyer and seller): द्विपक्षीय बाजार में केबल एक क्रेता और एक विक्रेता होता है |

2. अधिक लाभ (More/extra profit): इस बाजार में विक्रेता अधिक लाभ कमा सकते है क्योंकि इस प्रकार के वस्तुएं केवल उसी के पास ही होते है | क्रेता को न चाहते हुए भी उस वस्तुओं को अधिक क़ीमत पर खरीदना पड़ता है |   

3. प्रतिस्थापन वस्तुएं उपलब्ध नहीं (No Substitute goods are available): इस बाजार में केवल एक ही विक्रेता होता है | इसलिए कोई प्रतिस्थापन वस्तुएं उपलब्ध नहीं होता | 

4. कोई सौदेबाज़ी की शक्ति नहीं (No Bargaining power): इस बाजार में क्रेता के पास सौदेबाजी की शक्ति नहीं होता | अगर विक्रेता चाहे तो वस्तुओं की मूल्य को कम कर सकता है |  


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