पूर्ति क्या है? पूर्ति को प्रभावित करने वाले तत्व क्या है ?
What is supply? What are the factors affecting of supply.
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What is supply? |
अर्थ (Meaning of supply)
पूर्ति से अभिप्राय है किसी वस्तु की वह मात्रा जिसे एक विक्रेता एक निश्चित समय पर विभिन्न कीमतों पर बेचने के लिए तैयार होता है |
"वस्तु की वह मात्रा जिसे एक विक्रेता निश्चित समय और निश्चित क़ीमत पर बेचने के लिए तैयार होता है |"
पूर्ति का नियम बताता है की जब वस्तु की क़ीमत में वृद्धि होता है तो पूर्ति मे भी वृद्धि होता है और वस्तु की क़ीमत में कमी आने पर पूर्ति में भी कमी आती है |
"वस्तु की वह मात्रा जिसे एक विक्रेता निश्चित समय और निश्चित क़ीमत पर बेचने के लिए तैयार होता है |"
पूर्ति का नियम बताता है की जब वस्तु की क़ीमत में वृद्धि होता है तो पूर्ति मे भी वृद्धि होता है और वस्तु की क़ीमत में कमी आने पर पूर्ति में भी कमी आती है |
भण्डार और पूर्ति (Stock and supply)
साधारणतया भण्डार और पूर्ति का अर्थ एक ही समझा जाता है | परन्तु यह एक-दूसरे से भिन्न है | भण्डार से अभिप्राय है किसी वस्तु की कुल मात्रा जो की किसी समय बाज़ार में विक्रेता के पास उपलब्ध होता है, और पूर्ति से अभिप्राय है भण्डार की वह मात्रा जो विक्रेता एक निश्चित समय और निश्चित क़ीमत पर बेचने के लिए तैयार होता है |
पूर्ति के कारक/फलन और प्रभावित करने वाले तत्त्व (Determination/Functions and factors affecting of supply)
1. वस्तु की क़ीमत (Price of commodity)
वस्तु की क़ीमत और वस्तु की पूर्ति में सीधा सम्बन्ध होता है | अगर वस्तु की क़ीमत अधिक होता है तो वस्तु की पूर्ति भी अधिक होता है | इसी प्रकार वस्तु की क़ीमत कम होने पर वस्तु की पूर्ति भी कम होता है |2. सम्बंधित वस्तुओं की क़ीमत (Price of related goods)
अगर सम्बंधित वस्तुओं की क़ीमत में बृद्धि होती है तो उस वस्तु की पूर्ति अधिक होती है |3. तकनीक में परिवर्तन (Change in technology)
तकनीकी परिवर्तन भी पूर्ति प्रभावित करते है | क्योंकि जैसे-जैसे तकनीक में परिवर्तन आता रहता है वैसे-वैसे उत्पाद लगत में भी कमी आता है और उत्पादन भी पहले से अधिक होता है | इसी कारण पूर्ति में भी वृद्धि होती है |4. सरकारी निति (Govt policy)
सरकारी निति भी पूर्ति को अधिक प्रभवित करती है | सरकारी निति पूर्ति को नियंत्रण रखने में अहम् भूमिका निभता है | करों में वृद्धि होने से पूर्ति में कमी आती है और कर कम होने पर पूर्ति अधिक होता है |5. फर्मो की संख्या (Number of firm)
यदि फर्मो की संख्या अधिक होगी तो वस्तु की पूर्ति भी अधिक होगी | इसी प्रकार फर्मो की संख्या कम होगी तो वस्तु की पूर्ति भी कम होगी |6. फर्मो का उदेश्य (Goal of firm)
फर्म का उद्देश्य भी पूर्ति को अधिक प्रभावित करती है | अगर फर्म का उद्देश्य लाभ कामना है तो फर्म वस्तुओं की अधिक कीमत होने पर बाजार में बेचने के लिए तैयार होगा | इसी प्रकार फर्म का उद्देश्य बिक्री बढ़ाना है तो फर्म वस्तुओं को कम क़ीमत पर बाजार में बेचने के लिए तैयार होगा |
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